Wednesday, May 21, 2014

लोकसभा में परिवारवाद का बोलबाला


आंध्र प्रदेश में वाईएसआर कांग्रेस के अध्यक्ष जगन मोहन रेड्डी के चचेरे भाई अविनाश रेड्डी कडपा से चुने गये, जबकि जगन के ही मौसा (मां की छोटी बहन के पति) सुब्बा रेड्डी ओंगोल से लोकसभा पहुंचने में सफल रहे हैं। जगन मोहन के परिवार के छह से अधिक सदस्य लोकसभा और विधानसभा के लिए चुनावी मैदान में थे। जगन की मां भी विशाखापत्तनम से लोकसभा पहुंचना चाहती थीं लेकिन जनता ने नो इंट्री लगा दिया।

वहीं नवगठित राज्य तेलंगाना की सबसे मजबूत पार्टी तेलंगाना राष्ट्र समिति को चलाने वाले के. चन्द्रशेखर राव (केसीआर) के परिवार के भी कई सदस्यों ने विधानसभा और लोकसभा के लिए चुनाव लड़ा। पार्टी प्रमुख खुद मेडक से लोकसभा के लिए चुने गये जबकि उनकी बेटी कविता निजामाबाद से संसद पहुंचने में सफल रही। यानि पिता-पुत्री की जोड़ी लोकसभा पहुंचने में सफल रही। केसीआर विधानसभा के लिए भी चुने गये हैं। लेकिन वे लोकसभा की सदस्यता से इस्तीफा दे देंगे क्योंकि जनता ने उन्हें तेलंगाना पर शासन करने का मौका भी दिया है। 
 
असम में एआईयूडीएफ के बदरुद्दीन अजमल ढुबरी और उनके छोटे भाई सिराजउद्दीन अजमल बारपेटा सीट से लोकसभा के लिए चुने गये हैं।

बिहार में लोकजनशक्ति पार्टी के अध्यक्ष रामविलास पासवान हाजीपुर से, उनके पुत्र चिराग पासवान जमुई से और भाई रामचन्द्र पासवान समस्तीपुर से जीतने में सफल रहे हैं। बीजेपी के साथ गठबंधन में इन्हें सात सीटें मिली थी, जिसमें से तीन सीटों पर परिवार के सदस्यों ने ही चुनाव लड़ा और तीनो जीतने में सफल रहे। यानि इस परिवार के तीन सदस्य लोकसभा में एक साथ दिखेंगे।

बिहार से ही पति-पत्नि भी लोकसभा में एक साथ पहुंचने में कामयाब हो गये हैं। लालू की पार्टी राष्ट्रीय जनता दल के टिकट पर मधेपुरा से पप्पू यादव लोकसभा के लिए चुने गए हैं जबकि उनकी पत्नी रंजीता रंजन कांग्रेस टिकट पर सुपौल से चुनाव जीतने में सफल हो गई हैं..। पप्पू यादव, जिनकी पहचान एक दबंग की है.. मधेपूरा से जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष शरद यादव को पटकनी देने में सफल रहे।

वहीं यूपी की बात करें तो मुलायम का परिवार हमेशा से राजनीति में छाया रहा है। इस बार भी समजावादी पार्टी की पांच सीटों में से सभी सीटें परिवार के पास ही है। मुलायम सिंह यादव खुद दो क्षेत्रों--मैनपुरी व आजमगढ़ से जीते हैं जबकि उनकी बहु और मुख्यमंत्री अखिलेश की पत्नी डिंपल यादव कन्नौज से सफल हुई हैं। मुलायम के छोटे भाई राम गोपाल के पुत्र अक्षय यादव फिरोजाबाद से लोकसभा का चुनाव जीतने में सफल रहे हैं। यानी एक ही परिवार से ससुर, बहु और चाचा-भतीजा एक साथ संसद में कानून बनाने बैठेंगे..। मुलायम के ही एक और भतीजा धर्मेन्द्र यादव बदायूं से लोकसभा के लिए चुने गये हैं।

कांग्रेस अध्यक्षा सोनिया गांधी और उपाध्यक्ष राहुल गांधी भी ऐसे ही परिवार में शामिल हैं। वहीं बीजेपी के टिकट पर मेनका गांधी और उनके पुत्र वरुण गांधी भी लोकसभा में होंगे।

यानि इस बार बड़ी संख्या में कई परिवारों के एक से अधिक सदस्य लोकसभा के लिए निर्वाचित हुए हैं..। यह हालत तब है जबकि जनता ने बड़ी संख्या में ऐसे परिवारों को नकारा भी है। बिहार में जनता ने लालू प्रसाद की पत्नी राबड़ी देवी और पुत्री मीसा भारती को नकार दिया.. राबड़ी सारण से लोकसभा के मैदान में थीं जबकि उनकी बेटी मीसा भारती पाटलीपुत्र से। 

इनके अलावे भी देश में कई ऐसे राजनीतिक परिवार हैं जिनके सदस्य विधानसभा से लेकर लोकसभा तक में पाए जाते हैं। उदाहरण के लिए ममता बनर्जी जहां पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री हैं वहीं उनका भतीजा अभिषेक मुखर्जी भी इस बार डाइमंड हार्बर लोकसभा सीट से संसद पहुंचने में सफल हो गये। वहीं राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी के पुत्र अभिजीत मुखर्जी दूसरी बार भी बंगाल के जांगीपुर लोकसभा सीट जीतने में कामयाब रहे।





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