धृतराष्ट्र:
कहो संजय बिहार की
राजनीति में क्या चल रहा है
इन दिनों, तुम
क्या देख पा रहे हो अपनी आंखों
से???
संजय:
महाराज,
सबकुछ वैसा ही हो
रहा है जैसा हमलोगों ने पहले
सोच रखा था। लोगों को जनता
परिवार का जो तूफान आता दिख
रहा था वह कमजोर सा पड़ गया
है। गांधी मैदान तक भी नहीं
पहुंच सका। एक बिल्डिंग पर
बबंडर बना कर प्रदेश से उड़
चला है। जनता परिवाक नाम का
तूफान। लोग अभी तक सहमे हुए
हैं कि तूफान कहर बरपाएगा।
लेकिन उन्हें नहीं पता कि
तूफान खत्म हो चुका है। लोगों
को यह समझने में कुछ वक्त लगेगा।
धृतराष्ट्र:
साफ-साफ
कहो धृतराष्ट्र!!!
क्या महाविलय नहीं
हो रहा है, क्या
लालू-नीतिश
नहीं मिल रहे हैं।
संजय:
महाराज इन्हें तो
कभी नहीं मिलना था। दरअसल मोदी
की सरकार आने से इन्हें बहुत
तेज झटका लगा था। झटका लगा तो
हिलने लगे..।
हिलते-हिलते
दोनों नजदीक आ गए। अचानक इन्हें
खयाल आया कि जब हम हिल रहे हैं
तो और जोर से क्यों ना हिलें
ताकि लोगों को लगे कि इनके
हिलने से तूफान आ रहा है और
फिर लोग कुच दिनों तक तूफान
के मुगालते में रहे। बस यही
कहानी है महाराज जनता परिवार
और लालू-नीतिश
की।
क्रमश:.......
No comments:
Post a Comment