गतांक
से आगे....
धृतराष्ट्र:
संजय, जनता
परिवार का तूफान तो ठंडा पड़
गया। अब क्या होगा लालू और
नीतीश का?
संजय:
महाराज,
यूं तो राजनीति
कहीं की हो, कभी
भी, किसी
भी वक्त कोई भी करवट ले सकती
है। बिहार की राजनीति तो यूं
भी खास है। मैं अपनी दिव्य
आंखों से जो देख रहा हूं वह ये
है कि नीतीश लालू से इतर अपना
भविष्य तलाशने में लग गये हैं।
हालांकि
आरएसएस ने भाजपा को नीतीश से
पींगें बढ़ाने को कहा था। और
फिर भाजपा नेताओं ने अपनी
कोशिशें भी तेज कर दीं। लेकिन
नीतीश बहुत इच्छुक नजर नहीं
आ रहे हैं। शायद और गलतियां
करने से बचने की पुरजोर कोशिश
कर रहे हैं नीतीश कुमार।
धृतराष्ट्र:
यह बताओ संजय कि
नीतीश की राजनीति कौन सी करवट
ले रही है। नीतीश किस के साथ
जा रहे हैं?
संजय:
महाराज,
नीतीश कांग्रेस
के साथ जाते नजर आ रहे हैं।
धृतराष्ट्र:
यह तुम क्या कह रहे
हो संजय? यह
सच है??? तो
फिर लालू और कांग्रेस की लंबी
दोस्ती का क्या होगा?
संजय:
सम्राट,
कांग्रेस इतिहास
के सबसे कठिन दौर में है। खोने
के लिए अब कुछ बचा नहीं है।
इसलिए कुछ पाने की कोशिश में
वह लालू से पल्लू छुड़ाने की
कोशिश में कांग्रेस लगी है।
धृतराष्ट्र:
यह क्या हो रहा है
संजय?
संजय:
जी हां महाराज।
कांग्रेस में सोनिया का दौर
अब अवसान की ओर है। राहुल गांधी
पार्टी को अब अपने तरीके से
चलाना चाह रहे हैं। सोनिया
के मित्र अब उनके लिए कोई मायने
नहीं रखते । मनमोहन सरकार
के जिस अध्यादेश को राहुल
गांधी ने मीडिया के सामने
गुस्से में फाड़ा था उस अध्यादेश
से सबसे पहले फायदा कांग्रेस
के एक नेता और आरजेडी प्रमुख
लालू प्रसाद को ही होना था।
उसी समय यह तय हो गया था कि
कांग्रेस के साथ लालू के दिन
गिने हुए बचे हैं। लेकिन लालू
फिर भी सांप्रदायिकता के नाम
पर कांग्रेस को अपने साथ बनाने
की कोशिश करते रहे।
लोकसभा
चुनाव में बीजेपी की जबरदस्त
जीत ने सांप्रदायिकता और
धर्मनिर्पेक्षता के शोर को
थोड़ा सा ठंडा कर दिया है।
लालू के अलावे यूं भी बिहार
में मुसलमानों के वोट पर नीतीश
कुमार जबरदस्त तरीके से दावे
ठोंक रहे हैं।
धृतराष्ट्र:
तो क्या कांग्रेस
लालू के माय समीकरण के बगैर
चुनावी मैदान में उतरने की
तैयारी कर रही है।
संजय:
महाराज,
बिहार की राजनीति
में इन दिनों बहुत परिवर्तन
आया है। लालू का माय समीकरण
अक्षुण्ण है या नहीं यह तो
चुनाव के बाद ही पता चल पाएगा,
यह जरूर है कि नीतीश
के विकास और धर्मनिरपेक्षता
की राजनीति का फायदा उठाने
की कोशिश में कांग्रेस लग गई
है।
क्रमश:.......
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