अमेरिकी
राष्ट्रपति चुनाव की दौड़ में दो मुख्य उम्मीदवार हैं—रिपब्लिकन डोनाल्ड ट्रंप और
डेमोक्रेट हिलैरी क्लिंटन। इनके अतिरिक्त कुछ दुसरे उम्मीदवार भी हैं । आज
अमेरिका के 50 राज्यों और
डिस्ट्रिक्ट ऑफ कोलंबिया के 18 वर्ष से अधिक के मतदाता वोट देंगे।
आम धारणा के उलट
अमेरिकी जनता सीधे राष्ट्रपति को चुनाव नहीं करती। अमेरिकी मतदाता 8 नवंबर को अपने पसंदीदा राष्ट्रपति उम्मीदवार
को वोट देते हैं। जिस उम्मीदवार को जिस अमेरिकी राज्य में सर्वाधिक वोट मिलेंगे उस
राज्य के सभी इलेक्टर उसे मिल जाएंगे। यानी हर राज्य से किसी राष्ट्रपति पद के
किसी एक उम्मीदवार को सारे इलेक्टर मिलते हैं। इसके बाद सभी राज्यों से चुने हुए
इलेक्टर राष्ट्रपति चुनते हैं। चूंकि
लोकप्रिय वोटों की गिनती के साथ ही पता चल जाता है कि किस उम्मीदवार के पास कितने
इलेक्टर हैं इसलिए ये साफ हो जाता है कि राष्ट्रपति कौन बनेगा लेकिन आधिकारिक तौर पर
कोई उम्मीदवार राष्ट्रपति इलेक्टरों के मतदान के बाद ही बन पाता है।
इलेक्टरों की
संख्या कैसे तय होती है? अमेरिका के 50 राज्यों और डिस्ट्रिक्ट ऑफ कोलंबिया के कुल 538 सदस्यों से इलेक्टर कॉलेज बनता है। इलेक्टर की
संख्या हर राज्य के सांसदों के समानुपाती होती है। अमेरिका में हाउस ऑफ
रिप्रजेंटेटिव के 435 (जनसंख्या के आधार
पर 1911 में निर्धारित
की गई थीं) सदस्य हैं। सीनेट के 100 (हर राज्य का दो) सदस्य और डिस्ट्रिक्ट ऑफ कोलंबिया के तीन।
इस अनुपात में कुल 538 इलेक्टर चुने
जाते हैं।
कौन हैं इलेक्टर?
इलेक्टर राजनीतिक
पार्टियों के सदस्य होते हैं। कोई सीनेटर या रिप्रजेंटेटिव या किसी भी सरकारी लाभ
के पद पर आसीन व्यक्ति इलेक्टर नहीं बन सकता। हर पार्टी हर राज्य के लिए अपने
इलेक्टर चुनती है। मसलन, इलिनॉय राज्य में
डेमोक्रेटिक पार्टी के 20 इलेक्टर हैं और
रिपब्लिकन के 20 और इसी तरह बाकी
पार्टियों के।
इलेक्टर कैसे
चुने जाते हैं? हर पार्टी चुनाव
से पहले संभावित इलेक्टर चुनती है। हर राज्य में इलेक्टर चुनने की प्रक्रिया अलग-अलग
होती है। हालांकि डेमोक्रेटिक और रिपब्लिकन पार्टी जैसी पार्टियां या तो पार्टी की
राज्य इकाई द्वारा नामित किए जाते हैं या पार्टी की केंद्रीय कमेटी उनका चुनाव
करती है।
इलेक्टर कब
चुनेंगे राष्ट्रपति? 18 दिसंबर को सभी
इलेक्टर अपने-अपने राज्यों में वोट देंगे। जनवरी, 2017 में इलेक्टरों के वोट गिने जाएंगे। और 20 जनवरी 2017 को अमेरिका के नए राष्ट्रपति शपथ ग्रहण
करेंगे। अमेरिका में कुल 538 इलेक्टर हैं। राष्ट्रपति पद का चुनाव जीतने के
लिए उम्मीदवार को कुल इलेक्टरों के आधे से अधिक वोट हासिल करने होते हैं।
अगर किसी को
स्पष्ट बहुमत नहीं मिला तो? अगर किसी
प्रत्याशी को स्पष्ट बहुमत नहीं मिलता है तो हाउस ऑफ रिप्रजेंटेटिव शीर्ष तीन
प्रत्याशियों में से राष्ट्रपति का चुनाव करते हैं। सीनेट शीर्ष दो प्रत्याशियों
में से उप-राष्ट्रपति का चुनाव करती है। अमेरिकी इतिहास में अभी तक केवल एक बार
हाउस ऑफ रिप्रजेंटेटिव ने राष्ट्रपति चुना है। 1824 में क्विंकी एडम्स इस तरह राष्ट्रपति चुने गए
थे।
क्या ज्यादा
लोकप्रिय वोट पाने वाला प्रत्याशी हार भी सकता है? चूंकि अमेरिकी जनता सीधे राष्ट्रपति पद का
चुनाव नहीं करती इसलिए जरूरी नहीं है कि ज्यादा लोकप्रिय वोट पाने वाला उम्मीदवार
ही राष्ट्रपति बने। अगर किसी प्रत्याशी को किसी छोटे राज्य में जीत मिली है लेकिन
बड़े राज्य में हार तो उसके मिलने वाले इलेक्टरों की संख्या कम हो जाएगी। इस तरह
वो ज्यादा वोट पाने के बाद भी हार सकता है। मसलन, अगर कोई प्रत्याशी कैलिफोर्निया में चुनाव जीत
जाता है तो उसे वहां के कुल 55 इलेक्टर मिल
जाएंगे।
अमेरिकी इतिहास
में अभी तक केवल चार बार ऐसा हुआ है कि कम लोकप्रिय वोट पाने वाला उम्मीदवार
राष्ट्रपति बना। सबसे ताजा मामला साल 2000 का है जब जॉर्ज बुश ने अल गोर को कम वोट मिलने के बावजूद
हरा दिया था क्योंकि उनके पास ज्यादा इलेक्टर थे।साभार: जनसत्ता
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