देश के दुश्मनों की अब खैर नहीं है। उनसे निपटने के लिए एक विशेष सुरक्षा दस्ते का गठन किया जा रहा है। यह एक ऐसा दस्ता होगा जो पलक झपकते ही दुश्मनों को नेश्तनाबूत कर देगा।
हरियाणा के मानेसर स्थित NSG का मुख्यालय |
आतंकवादियों से निपटने के लिए 1984 में NSG यानि की राष्ट्रीय सुरक्षा गार्ड का गठन किया गया था। देस के सभी सुरक्षा बलों से जाबांजो को चुनकर NSG में विशेष ट्रेनिंग देकर दी जाती है। इस बल का काम है आतंकी हमला होने की सुरत में त्वरित कार्रवाई करके आतंकियों का खात्मा करना।
दुनिया के चोटी के आंतकवादरोधी दस्ते में NSG का नाम शामिल है। यहां तक की NSG की ट्रेंनिंग में अमेरिका के आतंकवाद विरोधी विशेष बल भी अपना सहयोग देती है ताकि भारत आतंक की वैश्विक चुनौतियों का सामना सफलतापूर्वक कर सके।
और अब तैयार हो रहे हैं फैंटम कमांडोस। जी हां.... फैंटम मतलब चलता-फिरता प्रेत। अदृश्य रहते हुए अपने दुश्मनों का खात्मा कर देना फैंटम कमांडोस का काम है। NSG की ट्रेनिंग पूरी होने के बाद उनके जाबांज कमांडो को चुनकर फैंटम कमांडोस में शामिल किया जाता है। NSG से अलग कर इन्हें किसी गुप्त जगह पर 9 महीने की और ट्रेनिंग दी जाती है। इसके बाद तैयार होते हैं फैंटम कमांडो। फैंटम कमांडो को दुनिया की आधुनिकतम रक्षा तकनीक और हथियारों की ट्रेनिंग दी जाती है।
अपने दुश्मनों को ये पलक झपकते ही समाप्त करने की क्षमता रखते हैं। जिस तेजी से देश विकास के पथ पर आगे बढ़ रहा है उसी तैजी से देश के सामने चुनौतियां भी बढ़ रही हैं। इन चुनौतियों में आतंकवाद सबसे प्रमुख है। दुश्मन देश हमेशा इस फिराक में रहता है कि कब मौका मिले और देश को आतंक की आग में झोंक दें। ऐसे में दुश्मनों से निपटने में फैंटम बहुत कारकर साबित होंगे।
अपनी कठिन ट्रेनिंग की बदौलत NSG के कमांडोस कई ऑपरेशनों को सफलतापूर्वक अंजाम दे चुके हैं। अब उनके विशिष्ट साथियों को लेकर बनाया जा रहा फैंटम निश्चित दौर पर देश की सुरक्षा को और मजबूती प्रदान करेगा।