अक्षत-मन AKSHATMANN
आ फिर रौद्र दिखा जा तू....
Monday, July 25, 2011
वो मधुर बातें वो मधुर निंदिया
वो मधुर बातें वो मधुर निंदिया
निंदियों में तुमसा वो मधुर सपना
सपनो में अपना अपनों मे तुम सा
अब नहीं हैं
....
न मधुर रातें न मधुर निंदिया
न मधुर सपना न मधुर चैना
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