विधायकों की खरीद-बिक्री की कहानी जब भी मैं समाचार पत्रों में पढ़ता हूं या फिर खबरिया चैनलों पर देखता हूं तो कई सवाल ज़हन में कौंधने लगता है....
क्या कभी पूरी सरकार खरीदी जा सकती है ? यह मुद्दा यहां इसलिए है क्योंकि कर्नाटक में कुछ ऐसा ही तमाशा चल रहा है।
सवाल यह है कि जब एक विधायक को खरीदा जा सकता है तो क्या सभी विधायकों को नहीं खरीदा जा सकता? चलिए आप कहेंगे की महान भारतवर्ष के सभी विधायक अभी बिकने के लिए उपलब्ध नहीं हैं। तो क्या आधे से एक अधिक नहीं खरीदे जा सकते? तो क्या हमारे पूंजीपतियों में अभी इतनी ताकत नहीं हो पाई है कि वे आधे से एक अधिक विधायक को खरीद लें?
और अगर उनमें यह ताकत अभी नहीं है तो क्या जरुरी है कि यह ताकत उनमें कल भी नहीं होगी? और अगर यह ताकत कल उनमें आ गई तो इस महान लोकतंत्र का क्या होगा?
और राज्य के बाद क्या संसद यानि की केन्द्र सरकार का भी ऐसा ही कुछ हस्र नहीं हो जाएगा? फिर लोकतंत्र का क्या होगा ? कौन इसे बचाने आएगा?
good.narayan narayan
ReplyDeleteहिन्दी ब्लॉगजगत में आपका स्वागत है..ऐसी ही सुन्दर पोस्टों से हिन्दी ब्लॉग को समृद्ध करते रहिये.. नवरात्र और दशहरे की शुभकामनाएं..
ReplyDeletewelcome
ReplyDeleteहिंदी ब्लाग लेखन के लिए स्वागत और बधाई
ReplyDeleteकृपया अन्य ब्लॉगों को भी पढें और अपने बहुमूल्य विचार व्यक्त करने का कष्ट करें
Who cares?....Nice post.welcome.
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